महिला घर की लक्ष्मी होती है
जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज सा.
महिला घर की लक्ष्मी होती है, महिला घर की इज्जत होती है।
उसका पुण्यशाली एवं सहनशील होना आवश्यक है ।
पुण्यशालीता के लिए प्रभु भक्ति सत्संग के साथ ही जरूरतमंद को आवश्यक सामग्री दान देना एक ढंग से परिवार के नसीब को चमकाना है ।
पत्नी की समर्पणा और पति का अनुराग पारिवारिक जीवन को सुखमय बनाने वाला बनता है।
राजस्थानी में कहावत है- कि एक हाथ से ताली नहीं बजती ।
दोनों हाथ मिलने पर ही साथ धुलते हैं । इसी तरह पति-पत्नी में भी परस्पर सम्मान एवं सहयोग की भावना होनी चाहिये ।
जब एक औरत अपने पति के मां-बाप की जीवन भर सेवा करती है तो पुरुष को भी चाहिये कि वह भी औरत के मां-बाप की सेवा,सहयोग सम्मान करें ।
इंग्लिश में सास ससुर के लिए एक शब्द आता है mother-in-law father-in-law । याने की कानून की दृष्टि से वो भी माता-पिता हैं ।
यह बात एक महिला के साथ लागू होती है तो यही बात एक पुरुष के साथ भी लागू होती है।
कानून की दृष्टि से पति के लिए भी औरत के माता-पिता भी माता-पिता हैं ।
आज भारी मात्रा में तलाक हो रहे हैं । इसका मुख्य कारण है कि पति-पत्नी का पर्सनल अहंकार है।
जब पति, पत्नी में परस्पर इगो होता ही नहीं है ।
पति को पत्नी का ध्यान रखना चाहिए और पत्नी को पति का ध्यान रखना चाहिए ।
इन सबसे पहले जिनवाणी को समझकर सदाचार लाने की आवश्यकता है ।
धर्म प्रभावना
28 जनवरी को आचार्य प्रवर, साउथ सिटी जनपथ से करीब 9 किलोमीटर का विहार किया ।
और रास्ते के घरों को पावन करते हुए श्री पीयूषकांत जी आदित्य जी जैन के निवास स्थान-503B,Aggar nagar ( B block ) में पधारे। जिंदगी लौट कर आती है
इस विषय पर प्रवचन होगा ।
29 तारीख को मध्यान्ह में अगर नगर स्थानक में पधारना संभावित है ।
30 जनवरी का प्रवचन अगरनगर स्थानक में हो सकेगा ।
रविवारीय प्रवचन प्रातः 10:00 से 11:30 तक होना है ।
30 जनवरी का प्रवचन स्थानक में प्रात 9:00 से 10:00 होगा ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों