19 जनवरी शिवपुरी लुधियाना

हेरिडिटी ऐसे बदले
जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा.
चलाकियों से कुछ समय तक किसी को प्रभावित किया जा सकता है । पर किसी का दिल जीतने के लिए सरलता और सहजता आना जरूरी है ।
एक गधे को खेतों में घास अनाज खाने पर डंडों से किसानों ने पीटा तो वो जंगल में गया । उसे मरा हुआ शेर मिल गया । उसने देखा था कि शेर से सभी डरते हैं ।
बस उसने शेर की खाल ओढ़ ली और मस्ती से कभी किसी खेत में तो कभी किसी खेत में फसल खाने लगा ।
किसान परेशान । एक दिन 20-30 किसान डंडे लेकर आ गए शेर का सामना करने ।
तो शेर घबरा गया और वह गधे की आवाज करने लगा-ढेंचू-ढेंचू-ढेंचू ।
तब सभी किसान समझ गए कि यह शेर नहीं गधा है । शेर की खाल ओढ़ रखी है । फिर सभी ने उसे खूब मारा ।
इसलिए चलाकी ज्यादा समय तक नहीं चलती ।
असलियत प्रकट होती ही है ।
व्यापार में ईमानदारी बनाए रखिए। कभी किसी के पैसे लेनदेन में ज्यादा आ जाए तो रखिए मत । बल्कि सामने वाले को चलकर सामने से लौटाइए ।
यही प्रमाणिकता आपके व्यापार को चमका देगी ।
यदि इंसानियत और नैतिकता नहीं है तो धर्म सुनना एवं त्याग तप करना कैसे सार्थक हो सकता है ।
मन में इंसानियत बनाए रखने के लिए संतों की संगत, प्रवचन, श्रवण, स्वाध्याय करते रहिए ।
आज तो भाई भी भाई को नहीं छोड़ता । उसे भी ठगने के लिए तैयार है। हम चालाकी से अगर किसी का हक मारते हैं तो वह अन्याय का पैसा घर में नुक्सान, बीमारी, कलह कुछ न कुछ दुख के भारी किटाणु फैलाएगा ।
आजकल लोग संस्कार और बीमारी हेरिडिटी से मानने लगे हैं।
लेकिन यह एक नियम नहीं है।
सिद्धार्थ राजा के बेटे महावीर भी थे और नंदीवर्धन भी । पर दोनों के संस्कार अलग-अलग थे ।
एक तो भगवान बन गए एक राजा ही रह गए ।
एक ही मां-बाप के चार पुत्र । चारों के ब्लड ग्रुप अलग मिल जाएंगे । यह कैसे होता है, जबकि हेरिडिटी एक है । अतः जिस प्रकार खून की डायलेसिस की जा सकती है, वैसे ही कुसंस्कारों की भी डायलेसिस-शुद्धिकरण किया जा सकता है ।
84 लाख जीव योनियों में मोक्ष, मानव जीवन से ही बतलाई है।
मोक्ष तभी होगी जब हमारे संस्कार एकदम बदलेंगे ।
इसलिए यह प्रमाणित है कि रोग हो या कुसंस्कार । हेरेडिटी कैसे भी हो ।
हम आज के पुरुषार्थ से सब कुछ बदल सकते हैं ।
धर्म प्रभावना
19 जनवरी का प्रवचन शिवपुरी जैन स्थानक में हुआ ।
आचार्य प्रवर ने कुसंस्कारों की हेरिडिटी बदलने का उपाय बताया।
जालंधर से जैन कॉलोनी के प्रधान श्री धर्मवीर जी जैन एवं उनके पुत्ररत्न श्री अर्पण जी जैन आदि उपस्थित हुए ।
गौशाला-
Rs100000.00 श्री अंकुर जी जैन व मोनिका जी जैन,और Rs100000.00 श्री अमित जी जैन श्री मेघा जी जैन, पुत्र व पुत्रवधु श्री प्रमोद जी जैन व श्री नीरू जी जैन, सूर्यनगर दिल्ली के तरफ से गौशाला के लिए दानराशि प्राप्त हुई बहुत बहुत धन्यवाद ।
आप सभी से विनम्र अनुरोध है इसी प्रकार अपने धनराशि का सदुपयोग करने जीवों की रक्षा में लगाइये ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों