15 जनवरी न्यू किचलू नगर जैन स्थानक लुधियाना अपनी औकात का पता लगता है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज.सा.

15 जनवरी न्यू किचलू नगर जैन स्थानक लुधियाना
अपनी औकात का पता लगता है
जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज.सा.
गिरना भी अच्छा है, जब अपनी औकात का पता लगता है ।
बढ़ते हैं हाथ उठाने को,तब पता चलता है कौन अपना है ।
आदमी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं ।
दोनों बराबर रहे तो तराजू की जरूरत क्या है ।
जिंदगी को भी तो तोला जाता है। अपडाउन से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि समभाव रखकर उत्कर्ष भावों के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है ।
रहनेमि के जीवन में भी भारी डाऊन आया और उसी से शिक्षा पाकर वो आगे बढ़ते हुए जल्दी ही मोक्ष पा गए ।
आप अपनी दृष्टि में और परमात्मा की दृष्टि में गिरे हुए नहीं हो तो दुनिया कुछ भी सोचे डरने वाली बात नहीं है ।
अगर अपनी दृष्टि में गिरे हुए हो और परमात्मा की दृष्टि में गिरे हुए हो तो दुनिया कितना भी अच्छा समझे आप गिरे हुए ही हो ।
अतः दुनिया की दृष्टि नहीं, आपकी अपनी दृष्टि महत्वपूर्ण है।
बहुत बार सोचते हो कि पत्नी, पैसा आपके है ।
लेकिन यह तब पता चलता है जब आप बीमार होकर बिस्तर से 3 वर्ष तक न उठ पाए ।
हर परिस्थिति में एक ही व्यक्ति अपना है,वो है प्रभु की शरण ।
वो आपको अप-डाउन के बीच भी सुरक्षित रखती है ।
इसलिए चार शरण बराबर बोलते रहिए ।
जब किसी फंक्शन में जाते हो तो अपना तन,चेहरा देखकर साफ करके जाते हो तो इसी प्रकार जब किसी धर्म स्थान,मंदिर में जाओ तो अपनी आत्मा को पहले देख कर जाओ, उस पर कोई भी गंदगी हो तो उसे ठीक करके जाइये ।
मन आत्मा को काम क्रोध मद मोह से दूर करके जाइए ।
व्यक्ति को हर परिस्थिति में खुश रहना सीखना है । किराए का मकान है तो उसमें खुश रहिये । ताकि बार-बार बदलने से नए नए मकान में रहने को मिलेगा ।
नहीं तो एक ही मकान में जीते जीते जिंदगी निरश बन जाती है।
और अगर घर का मकान है तो उसमें रहिए तो बार-बार बदलने की झंझट नहीं ।
याने मन को सूख में जमाना सीख जाइये ।
कलकत्ता के राकेश जी सेठिया ने एक बार कहा कि मेरे दोस्त कहते हैं कि तुम घूमने हिल स्टेशनों पर जाते हो,वहां रहते भी हो,लाखों रुपए किराया का भरते हो । इससे तो वहां एक मकान ही खरीद लो ताकि जब चाहों तब जा सकते हो । तो उन्होंने कहा क्यों खरीदूं । पहले तो वहां 5 करोड़ लगाऊं, फिर उसके देखभाल की टेंशन पालूं, फिर बार-बार वही जाना पड़े ऐसा क्यों करूं ।
5 करोड़ में तो दुनिया में जगह-जगह नए नए पर्यटन स्थलों में आराम से घूम लूंगा ।वो ज्यादा अच्छा है ।
कहने का मतलब है कि खुशी वहां मिलती, जहां आदमी अपने मन को जमा ले ।
जो आज खुश है वो कल भी खुश रहेगा ।
हम आज जिस कंडीशन में है,उस में खुश रहना सीखें । कल किसने देखा है ।
आज ही अच्छा काम कर ले ।
जिंदगी के सफ़र से, बस इतना ही सबक सीखना जरूरी है, सहारा कोई कोई देता है धक्का देने को हर शख्स तैयार बैठा है।
इंसान को उस जगह हमेशा “खामोश” रहना चाहिए ।
जिंदगी में धक्का देने की लोगों की आदत है ।
वो भगवान महावीर को भी नहीं छोड़ते और उस समय भी धक्के दिए । तो हम और आप है ही क्या। समभाव से सहकर मन को तप जप में लगाते रहें ।
आपको कोई बात समझ में न आवे तो आमने-सामने प्रत्यक्ष चर्चा करके भी समझ सकते हैं।
कई बार आंखों देखी, कानों सुनी भी झूठी हो सकती है । यह तो उस बात की सही समीक्षा करने पर ही पता चलता है ।
क्यों प्रत्यक्ष के पीछे कारण क्या है, यह भी खोज करने की जरूरत है ।
भ्रांत बातों में आकर
धारणा बनाने वाला मिथ्यात्व में चला जाता है ।
धर्म प्रभावना
15 जनवरी को न्यु किचलू नगर में प्रवचन हुआ ।
आचार्य प्रवर हर हाल में कैसे जिया जाए,यह राह दिखाई ।
हर हाल में प्रसन्न रहने का तरीका समझाया ।
इसी के साथ णमोत्थुणं जाप कराया । जिसकी विधि संतरत्न श्री गीतार्थ मुनि जी म.सा.ने करवाई।
आज संतरत्न श्री सुदर्शन मुनि जी महाराज साहब ने तेला तप किया।
नररत्न श्री प्रवीण जी एवं महिलारत्न श्री सुमन जी जैन ने तेले तप को पूर्ण किया ।
आपकी प्रबल भावना रही की आचार्य प्रवर आपके निवास पर पधारें ।
जहां जाना आना करीब 17 किलोमीटर का चक्कर है ।
लेकिन कहते हैं कि भक्तों के वश में होते हैं। श्री प्रवीण जी जैन का परिवार आज से नहीं करीब 30 वर्षों से आचार्य प्रवर के संपर्क में है । हर उतार-चढ़ाव के बीच भी आपकी भक्ति समर्पणा निष्ठा विशिष्ट है ।
अभी जालंधर चातुर्मास में भी आप बीसियों बार आकर धर्म सेवा का लाभ ले चुके हैं ।
आचार्य श्री को आपकी भक्ति खींच लाई और 15 जनवरी को ही मध्यान में विहार कर जालंधर अमृतसर रोड पर हीरो होम रेजीडेंसी पर पधार गए ।
आज प्रवीण जी सुमन जी के तेले तप का पारणा था ।
आज गुरु भक्ति की अपार कृपा ने पूरे परिवार में खुशहाली भर दी ।
रविवार होने से दिनभर लोगों का तांता बना रहा है ।
नररत्न श्री संत कुमार जी जैन का परिवार जालंधर से बराबर सेवा में लगा है । आपकी समर्पणा भी आदर्श है ।
अग्रनगर संघ से वहां के मंत्री नरेश कुमार जी एवं दिपक कुमार जी आदि गणमान्य जन अपने क्षेत्र में पधारने की विनंती लेकर पहुंचे ।
इसी तरह दो दिन पहले सिविल लाइन के गणमान्य प्रधान श्री अरिदमन जी आदि गणमान्य जन भी आ चुके हैं ।
लुधियानावासी अधिक से अधिक लाभ लेने में लगे हैं ।
प्रवचन के बाद गौतम प्रसादी की भी व्यवस्था रही ।
जालंधर गौशाला के निर्माण पूर्णता की ओर
जैसा कि आपको बताया जा चुका है गौशाला, गौशाला बनने में मात्र 8 लाख की आवश्यकता है।
ताकि बनकर गायों का आना प्रारंभ हो जाएगा ।
राशि कोई बहुत बड़ी नहीं है।
आप दानदाता खुले हाथ से सहयोग करके इस गौशाला को चालू करने में मुख्य श्रेयस के भागीदारी बने ।
प्राप्त दानराशि-श्री प्रकाश कांतिलता जी जैन जलगांव-5000
श्री संगीता नवलखा की स्मृति में श्री शंकरलाल जी जतन देवी जी नवलखा बीकानेर के तरफ से 11000 प्राप्त हुए धन्यवाद ।
ऋषभ जी जैन जालंधर-1100
प्राप्त हुए बहुत बहुत धन्यवाद ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों