29 जनवरी अगरनगर लुधियाना

खुदा पर भरोसा रखो
जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी महराज सा.
खुदा वो नहीं देता,जो आप चाहते हो,
लेकिन खुदा वो देता है,
जो तुम्हारे लिए अच्छा रहे।
आप अगर बीमार है तो डॉक्टर के पास जांए बीमारी बताएं । यहां तक तो ठीक है, लेकिन आप बीमारी भी बताएं और दवा भी स्वयं ही बताएं तो डॉक्टर के पास जाने का क्या फायदा..?
बीमारी बताना हमारा काम है और दवा देना डॉक्टर का काम है।
डॉक्टर को फीस किस बात की दी जाती है ।
ताकि ऐसी दवा दे, जिससे रोग ठीक हो और साइड इफेक्ट भी न हो ।
इसी प्रकार परमात्मा की भक्ति करने से परमात्मा को जो ठीक लगे वो इलाज हमारा करें ।
क्योंकि हम जो मांग रहे हैं उससे साइड इफेक्ट होगा या नहीं यह हमें पता नहीं है ।
वह तो परम ज्ञानी ही जान सकते हैं ।
अतः कुछ मांगा न जाए,उन्हें जो ठीक लगे वो करें । जो ऊपर वाले को हमारे लिए ठीक लगेगा वो करेगा तो वो पूरी तरह सही ही होगा । शरीर के स्वस्थता के लिए सबसे पहली बात तो यह है कि हमारे खाने पर नियंत्रण हो ।
हम वो खाते हैं जो हमारी जीभ को अच्छा लगे, हम वो नहीं खाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए ठीक हो।
जब पशु-पक्षी इन सबको अपने खान-पान का ध्यान हैं कि उन्हें क्या खाना क्या नहीं खाना ।
यही कारण है कि उन्हें बीमारियां कम होती हैं ।
अगर आहार पर कंट्रोल न कर सके तो भगवान महावीर ने उपवास, बेला, तेला आदि तप बतलाए । आयुर्वेद में भी कहा है-
लंघनं परमौषधम् ।
लंघन,परम औषध है ।
दवा के साथ दुआ भी ली जाए कुछ जीवन में अच्छे अच्छे काम करते रहिये ।
हम एक के साथ एक फ्री लेने की योजना तो जानते हैं । देने की योजना नहीं जानते । अगर हमारे ऑपरेशन में 10 लाख रुपए लगने वाले हैं तो थिएटर में जाने से पहले 10 हजार की दवा किसी गरीब को अवश्य दिलाएं ।
5 करोड़ के बंगले में प्रवेश करने से पहले 5 लाख का एक कमरा धर्म स्थान, हॉस्पिटल स्कूल या अन्य किसी परमार्थ में दान अवश्य करें ।
घर में कोई भी खुशी का काम हो तो अंशदान अवश्य दें । उससे पूरे परिवार में शांति बनी रहेगी ।
अगर बुरा करोगे तो उसका परिणाम भी एक न एक दिन बुरा आएगा ।
जो हम करते हैं, जिंदगी उसे कई गुणा करके लौटाती है ।
अतः करते वक्त ध्यान लगाइयें ।
सुविधा बढ़ाने से पहले किसी का सहयोग अवश्य करिये ।
महर्षी कर्वे का उदाहरण सामने है।
कई उदाहरणों से यह बात समझाई गई ।
सभी पर अत्यंत मार्मिक प्रभाव पड़ा ।
धर्म प्रभावना
29 जनवरी का प्रवचन एडवोकेट श्री पीयूषकांत जी श्री आदित्य जी जैन महिलारत्न मधु जी शिवानी जी आदि के प्रयत्न से आपके निवास स्थल के बाहर अगर नगर ब्लॉक बी में रखा गया।
आज दिल्ली से धर्मवीर नररत्न श्री त्रिलोक जी, श्री नरेश जी, श्री अनिल जी जैन तीनों भाई एवं आपकी बहन महिलारत्न श्री प्रमिला जैन भी गुरु चरणों में प्रवचन में उपस्थित हुए ।
महिलारत्न प्रमिला जी ने भक्ति गीत प्रस्तुत किया ।
नररत्न श्री नरेश जी ने कहा कि महान पुण्योदय का अवसर आता है तो ऐसे क्रियावान विद्वान संत रत्नों का सानिध्य प्राप्त होता है।
आचार्य प्रवर के सानिध्य को पाकर ही हमारे तीनों भाइयों के जीवन में परिवर्तन आया है ।
हमारी धर्म के प्रति रुचि बढ़ी है।
आप श्री का हमारे सारे परिवार पर महान उपकार है ।
महिलारत्न श्री प्रमिला जी जैन दिल्ली ने भक्तिगीत प्रस्तुत किया जिसके निम्न बोले थे-
आया दिन बड़भागी
हो जागी जागी किस्मत जागी ।
गुरु की महिमा बताना, सूर्य को रोशनी दिखाना है ।
अनोखा तुम्हारा दरबार है, जो आता, मिलती शांति अपार है।
भव सिंधु तारणहार क्षमाशील दया अवतार ज्ञान आचार्य के चरणों में मेरा नमस्कार ।
आदि गीत के बोल थे ।
एडवोकेट श्री पियूषकांत जी सा.ने सारगर्भित बात बतलाई कि आचार्य प्रवर के विचार अत्यंत प्रभावी, मार्मिक हैं,जो जीवन परिवर्तनकारी है हम आपका सानिध्य पाकर अपने आपको सौभाग्यशाली मानते हैं ।
लुधियाना के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे ।
सभा का संचालन अभिजीत त्रिपाठी ने किया ।
आज धर्मवीर नररत्न श्री शौरीलाल जी महिलारत्न श्री गुणवंती जी की स्मृति में इनके तीनों पुत्ररत्न श्री त्रिलोक जी, श्री नरेश जी, श्री अनिल जी ने जालंधर गौशाला को 11 लाख रुपए देने की घोषणा की ।
बहुत-बहुत धन्यवाद ।
अन्य घोषणाएं यथा समय दे दी जाएगी ।
आप भी दान देकर गौशाला को चलाने में सहयोग कर पुण्यशाली बने ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों