जहां मन मिले
जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज सा.
सुकून वहां नहीं, जहां धन मिले
सुकून वहां है जहां मन मिले ।
परेशान वो है, जो दूसरों का मूल्यांकन करता है ।
प्रसन्न वो है जो अपना मूल्यांकन करता है ।
दुनिया में कोई आदमी, सामान्य नही है । हर आदमी विलक्षण है।
अंगूठे से, हस्तरेखा से आंख की किकी से यह समझा जा सकता है कि प्रकृति की देन है कि हम दुनियां से विलक्षण अनमोल है ।
ऐसी स्थिति में हमें दूसरों से मूल्यांकन करने की जरूरत नहीं है ।
हमें दूसरों के देखा देखी नहीं करना है ।
हमें आज हर परिस्थिति में खुश रहना है ।
जो आज खुश है वो कल भी खुश रहेगा ।
खुशियां साधनों से नहीं, सही समझ से मिलती है ।
हमारी सोच दूसरों का मूल्यांकन करने में लगी है । हमें अपनी दृष्टि में अपने आपको छोटा नहीं मानना है ।
आज का आदमी अपनी पत्नी में जी रहा है या दूसरी की तरफ ताक रहा है ।
यही स्थिति औरत की है ।
जो आपको मिला है, उसमें खुशियां ढूंढे ।
अपार खुशियां भरी हैं ।
पति पत्नी अलग नहीं है
झगड़े उनको समझ नहीं है
पत्नी को सरस्वती, लक्ष्मी, संतोषी माता जैसों को लक्ष्य बनाकर सोच सही बनाने की जरूरत है ।
पति, ऑफिस से परेशान होकर आ रहे हों, व्यापार के तनाव में हो या बॉस से अपमान हुआ किसी परेशानी को लेकर घर आए हैं तो पत्नी इतना अधिक सम्मान दे कि वो उन सब बातों को भूलकर खुश हो जाए ।
जबकि होता यह है कि पति परेशान होकर आया है, पत्नी घर का झगड़ा लेकर बैठ जाएगी ।
दोनों में झगड़ा बढ़ेगा और तलाक जैसी स्थिति बन जाती है।
भाई भाई साथ रहे वो सबसे अच्छा । अगर किसी परिस्थिति में साथ न रह पाए तो ऊपर नीचे रहे या फिर एक क्षेत्रफल में दोनों की कोठियां हो तो दोनों एक दूसरे की सुरक्षा कर सकते हैं ।
आपके जीवन में दो तरह के लोग आते हैं ।
घासलेटी और फायर ब्रिगेडी ।
आपके नजदीक हितैषी लगने वाले लोग भी घासलेटी का काम कर सकते हैं ।
आपके घर में आग लगा सकते हैं
कई बार मां ही अपनी बेटी के घर को खराब करती हैं ।
वो पूछती हैं कि तेरी सास कैसी, ननद, देवर तंग तो नहीं करते ।
पति पूरी तरह ध्यान रखता है या नहीं । अपने को डरने वाली बात नहीं है । किसी से दबने की जरूरत नहीं है अभी तो मैं तेरी मां बैठी हूं। सबको संभाल लूंगी ।
यह सब बातें बेटी के घर को तोड़ने वाली होती है ।
मां को तो समझाना चाहिए कि सास की सेवा करना पति का सम्मान रखना । देवर जेठ ननद का ध्यान रखना । सेवा करने वालों की जीत है । कोई कुछ कह दे तो हंसते हंसते सह लेना ।
तभी घर खुशहाल रहेगा ।
यह समझाने वाले फायर ब्रिगेडी के होते हैं ।
भाई भाई में झगड़ा हो जाए तो दोस्त या साला वो हो जो समझाएं कि भाई, भाई है । छोटी मोटी बातें चलती रहती है । भाई को छोड़ना नहीं चाहिये ।
कभी किसी की मीठी मीठी बातों में आकर अपना घर बर्बाद न करें।
पत्नी को अर्धांगिनी कहा जाता है ।
मतलब आधा अंगपति और आधा अंग पत्नी ।
दोनों मिलाकर एक होता है ।
अतः दोनों में परस्पर सम्मान की भावना होनी चाहिए ।
शादी के बाद भी अगर पति पत्नी अपनी पर्सनल सोच या पर्सनल लाइफ की बात करते हो तो फिर शादी ही क्यों की..?
शादी के बाद तो पति की इच्छा पत्नी का हो और पत्नी की इच्छा पति की हो ।
सास बहू में भी परस्पर सहयोग, सम्मान,सहनशीलता के भाव होने चाहिए ।
सास को चाहिए की बेटी के चक्कर में न पड़ें ।
बेटी दिल्ली और मां है लुधियाना।
बेटी फोन करती है मां तेरी कैसी तबीयत है, मुझे बड़ी चिंता रहती है । दवाई ले रही हो या नहीं ।
भाभी कुछ करती है भी या नहीं।
मुझे तो तेरे कारण रात को नींद भी नहीं आती है ।
बस मां, ऐसी बातें सुनकर बेटी के गुण गाने लगेगी ।
बहु जो घर में है सेवा कर रही है, उसकी तरफ ध्यान नहीं जाएगा।
बल्कि बहू को दो बात सुना देगी।
ऐसी बेटीयां अपनी मां के लिए घासलेटी का काम करती हैं ।
उसे तो मां को समझाना चाहिए कि भाभी जितना करती है उतना ठीक है थोड़ा आप भी कर लिया करो । अपने को घर चलाना है मैं भी आपकी सेवा में आ जाऊंगी, पर जिंदगी भर रहना तो भाई भाभी के पास ही है । इस तरह से प्रेम से समझाया जाए ।
फिर मां को शांति न मिले तो मां की सेवा करना भी बेटी का कर्तव्य है ।
जिंदगी जैसी भी है उसे खुशी से जीना सीख जाओ ।
वर्तमान खराब करोगे तो भविष्य भी खराब हो जाएगा ।
जिंदगी को सही जीने के लिए समय-समय पर संतों की संगत करते रहना चाहिए ।
संतों की संगति से जीवन में जन्नत उतर जाएगी ।
धर्म प्रभावना
22 जनवरी हैप्पी होम विषय पर आचार्य प्रवर का अत्यंत मर्मस्पर्शी प्रवचन हुआ । जैन जैनेत्तर भारी मात्रा में लोग उपस्थित थे ।
जन-जन खुश हो गया ।
जीवन के प्रति सोच में परिवर्तन आया ।
आज के गौतम प्रसादी की एवं प्रभावना आदि सभी व्यवस्थाएं
नररत्न श्री तनुज जी जैन नररत्न श्री संजय जी जिंदल की ओर से रही ।
आपके इष्टमित्र, स्वजन संबंधी सभी ने सत्संग का भरपूर लाभ उठाया ।
आचार्य प्रवर ने मध्याह्न में करीब 1:30 बजे के आसपास विहार कर दिया ।
रास्ते में घरों को पावन करते हुए करीब 3:00 बजे सुंदर नगर जैन स्थानक पधार गए ।
23, 24, 25,26 चार प्रवचन सुंदर नगर लुधियाना जैन स्थानक में संभावित है ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों