22 जनवरी सिविल लाइन
जहां मन मिले जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज सा. सुकून वहां नहीं, जहां धन मिले सुकून वहां है जहां मन मिले । परेशान वो है, जो दूसरों का मूल्यांकन करता है । प्रसन्न वो है जो अपना मूल्यांकन करता है । दुनिया में कोई आदमी, सामान्य नही है । हर आदमी विलक्षण है। अंगूठे से, …