Day: January 18, 2023

17 जनवरी ऋषि नगर लुधियाना तुम दुनिया में रहो जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा.

17 जनवरी ऋषि नगर लुधियाना तुम दुनिया में रहो जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. कोशिश करो कि दुनियां में तुम रहो । लेकिन तुम में दुनियां न रहे । किश्ती, पानी में तब तक तैरती है जब तक पानी में रहती है पानी, जब किश्ती में आ जाता है तो डूब जाती है । इंसान …

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16 जनवरी हिरो होम लुधियाना जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा .

16 जनवरी हिरो होम लुधियाना जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा . तुम्हारी कथा भी पापहारी है आस्तां तव स्तवनमस्त- समस्त दोषं, त्वत्संकथाऽपि जगतां दुरितानि हन्ति । दूरे सहस्रकिरणः कुरुते प्रभैव, पद्माकरेषु जलजानि विकासभाजि ॥ ९ ॥ तव- तुम्हारा अस्तसमस्तदोषं- निर्दोष, समस्त दोषों से रहित स्तवनम्- स्तवन दूरे आस्ताम्- दूर रहे त्वत्संकथा- आपकी कथा अपि- भी …

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15 जनवरी न्यू किचलू नगर जैन स्थानक लुधियाना अपनी औकात का पता लगता है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज.सा.

15 जनवरी न्यू किचलू नगर जैन स्थानक लुधियाना अपनी औकात का पता लगता है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महाराज.सा. गिरना भी अच्छा है, जब अपनी औकात का पता लगता है । बढ़ते हैं हाथ उठाने को,तब पता चलता है कौन अपना है । आदमी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं । दोनों बराबर रहे …

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14 जनवरी मकर सक्रांति लुधियाना मेरा है वह सत्य नहीं जो सत्य है वो मेरा है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा.

14 जनवरी मकर सक्रांति लुधियाना मेरा है वह सत्य नहीं जो सत्य है वो मेरा है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. 14 जनवरी मकर सक्रांति के रोज श्री णमोत्थुणं महाजाप में हैबोवाल जैन स्थानक का हॉल खचाखच भर गया । आचार्य प्रवर श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. ने णमोत्थुणं पाठ का महत्व समझाया । इसी के …

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13 जनवरी हैबोवाल लुधियाना आत्मा एक है जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा.

13 जनवरी हैबोवाल लुधियाना आत्मा एक है जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. मंदिर में ज्योत, दरगाह में दिया, गुरुद्वारे में ज्योति, गिरजाघर में मोमबत्ती, सबकी लौ एक हैं। इसी तरह सबका मालिक एक है खून जिसका भी हो, सबका रंग एक है । कैसे पता लगाया जाए कि बेगाना कौन और अपना कौन है.? भगवान …

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12 जनवरी हैबोवाल लुधियाना परिवर्तन हो,पर सही हो जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महराज.सा

12 जनवरी हैबोवाल लुधियाना परिवर्तन हो,पर सही हो जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महराज.सा. केवल सच से ही काम नहीं चलता, सच्चा भी हो और अच्छा भी हो, तभी सही बैठता है । सच्चा हो लेकिन मधुर हो, प्रिय हो। कड़वी बात हो तो बोली न जाए। संत मुनिराजों के लिए शास्त्रों में बतलाया है कि …

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11 जनवरी हैबोवाल तरीका सही हो जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा.

11 जनवरी हैबोवाल तरीका सही हो जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा. जिस प्रकार घिसकर काटकर पीटकर तपाकर सोने की परख की जाती है उसी तरह नवकार जाप नमन , नवकारसी, दान और समायिक करने से भव्यों की आत्मा खरे सोने की तरह चमकने लगती है । हर व्यक्ति को सवेरे उठकर 108 बार नवकार …

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2 जनवरी 2023 धर्म हृदय में धार जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा.

2 जनवरी 2023 धर्म हृदय में धार जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. धर्म को हृदय में धारण करने के लिए हृदय का स्वच्छ, निर्मल, पवित्र होना आवश्यक है। जब तक आधार पात्र सही नहीं होगा तब तक – आधेय जो वस्तु उसमें आनी है। वह आ नहीं सकती। अतः आधार को पवित्र करना होगा। हमें …

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1 जनवरी 2023 बाल न बांका होय

1 जनवरी 2023 बाल न बांका होय जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. कबीरदास जी का एक दोहा आता है चक्की चले तो चलने दे पीस पीस आटा होए जो खूंटा के लागा रहे, तो बाल न बांका होय । इस दोहे में यह समझाया गया है कि जो गेहूं पीसने वाली चक्की चलती है तो …

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31 दिसंबर कपुरथला

31 दिसंबर कपुरथला प्रभु का नाम प्राणों में उतारें जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा. माला में 108 मणियें होते हैं। जैन दृष्टि से नवकार के पांच पदों के 108 गुण बतलाए गए हैं। अरिहंताणं के 12 सिद्धाणं के 8 आयरियाणं के 36 उवज्झायाणं के 25 सव्वसाहुणं के 27 कुल 108 गुण होते है। इसी …

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30 दिसंबर कपुरथला

30 दिसंबर कपुरथला जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. भक्तामर किसकी स्तुति है..? जैन समाज के मुख्य रूप से चार विभाग हैं- दिगंबर,मूर्तिपूजक, स्थानकवासी और चौथा तेरापंथी। एक नग्न रहते हैं ,दूसरे मुख वस्त्रिका हाथ में रखते हैं, तीसरे मुख्यवस्त्रिका चौड़ी और मुंह पर रखते हैं । चौथे जो तेरापंथी है वे मुखवस्त्रिका लंबी रखते हैं …

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29 दिसंबर कपुरथला

29 दिसंबर कपुरथला लक्ष्मी जबर्दस्ती आती है जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा. स्तोत्र-स्त्रजं तव जिनेन्द्र ! गुणैर्निबद्धाम्, भक्त्या मया रूचिर-वर्ण-विचित्र-पुष्पाम् । धत्ते जनो य इह कंठगता- मजस्रम् । तं मानतुंग-मवशा समुपैति लक्ष्मीः ।। आचार्य श्रीमानतुंग जी ने प्रभु को संबोधित करते हुए कहा है कि- हे जिनेंद्र देव! –विचित्र पुष्प रूप आपके गुणों से …

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18 जनवरी न्यू टैगोर नगर

परमात्मा: दिल खोलते हैं जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. बुद्धिमान इंसान आपका दिमाग खोल देता है । सुंदर इंसान आपकी आंखें खोल देता है । लेकिन परमात्मा आपका दिल खोल देता है । अतः परमात्मा की भक्ति करिये। आधुनिक युग,सेंसर का आ चुका है । सेंसर लगने पर पत्थर काटने वाली मशीनों के बीच हाथ …

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