Day: December 20, 2022

20 दिसंबर, खिलचियां जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा.

20 दिसंबर, खिलचियां जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म.सा. दुंदुभी नाद श्लोक नंबर 32 गम्भीर-तार-रवपूरित-दिग्विभागस्- त्रैलोक्यलोकशुभसंगमभूतिदक्षः सद्धर्मराजजयघोषणघोषकः सन्, खे दुन्दुभिर्ध्वनति ते यशसः प्रवादी | गंभीर, तेज फिर भी मधुर आवाज से दसों दिशाओं को पूरित करने वाली तीन लोक के जीवों को शुभ सभागम की विभूति वैभव देने में सक्षम सुधर्म के राजा तीर्थंकर की यह …

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19 दिसंबर जंडियाला गुरू सोने के कमल

19 दिसंबर जंडियाला गुरू सोने के कमल जैनाचार्य श्री ज्ञानचन्द्र जी म.सा. चरम तीर्थकर प्रभु महावीर ने समस्त आत्माओं का हित व- कल्याण करने के लिए दिव्य देशना देना प्रारंभ किया, प्रभु- महावीर की वाणी को जीवन में उतारने की लिए, गुणानुवाद करना आवश्यक हो जाता है। जैन शास्त्रों में सर्वप्रथम विनय बतलाया है। विनय …

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18- दिसंबर रविवार, जंडियाला गुरु देवलोक के नाथ है- गणधर

18- दिसंबर रविवार, जंडियाला गुरु देवलोक के नाथ है- गणधर “भक्त के द्वारा भगवान का स्मरण आवश्यक माना जाता है। क्योंकि जिस प्रकार का मन में चिंतन हम करेंगे उसी प्रकार का परिणमन होना शुरू हो जाता है, जैसे आपके विचार होंगे आपकी आचरण क्रिया भी उस रूप में बदलती चली जाएगी, Science कहती है …

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