28 दिसंबर दृष्टि सम्यक बनावें
28 दिसंबर दृष्टि सम्यक बनावें भक्तामर जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी म. सा. चांदनी के बीच चेतन की चांदनी को जगाने की आवश्यकता है। आयुष्य की यह चांदनी जिन्दगी को समझने का मौका दे रही है। हम उसके स्वरूप को पहचाने व अंधेरे में भी चाँदनी की तरह रहना सीख जाए। जिस प्रकार प्राचीन युग में …