12 जनवरी हैबोवाल लुधियाना परिवर्तन हो,पर सही हो जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महराज.सा

12 जनवरी हैबोवाल लुधियाना
परिवर्तन हो,पर सही हो
जैनाचार्य श्री ज्ञानचंद्र जी महराज.सा.
केवल सच से ही काम नहीं चलता, सच्चा भी हो और अच्छा भी हो, तभी सही बैठता है ।
सच्चा हो लेकिन मधुर हो, प्रिय हो।
कड़वी बात हो तो बोली न जाए।
संत मुनिराजों के लिए शास्त्रों में बतलाया है कि वो जंगल में वृक्ष के नीचे बैठे हैं । उनके सामने से हिरण भागे । उसके तुरंत बाद शिकारी आकर पूछे कि हिरण किधर भागे तो कुछ बोलना नहीं, चुप रहना । बोलने पर सही बोलना पड़ेगा, उससे हिरण की जान खतरे में आ सकती है।
परेशानी और प्रसन्नता दोनों आप से ही जुड़ी है । तरीके से चलने पर प्रसन्नता मिलेगी । गल्त तरीके से परेशानी बढ़ेगी ।
तीर्थंकरों के भी 35 वचनातिशय बतलाएं हैं ।
उसमें भी बोलने के एक से एक सुंदर तरीके बतलाए हैं ।
त्रिलोकीनाथ होकर भी प्रभु, छोटे से छोटे व्यक्ति को सम्मान की भाषा में बोलते थे ।
आपको, हमको सबको चाहिये कि हमारी जबान और व्यवहार सम्मानजनक हो । साधु हो गया तो इसका मतलब यह नहीं कि किसी 80 वर्ष के बुजुर्ग आदमी को 20 वर्ष की उम्र का साधु बोले की ए सतीश ! कैसा है तूं।
भाषा प्रिय और अहो भाव वाली हो ।
लोग कहते हैं कि जमाना बदल रहा है ।
तो उस अनुसार व्यवहार भी बदल रहे हैं ।
यह ठीक है कि जमाने की सोच के अनुसार बदला जाए ।
लेकिन बदलाव सही हो ।
सिद्धांतों पर आधारित हो।
भगवान महावीर स्वामी भी जमाने के अनुसार बदले ।
पार्श्वनाथ जी के समय साधु, प्रतिक्रमण नहीं करते थे । जबकि महावीर स्वामी ने अपने साधुओं के लिए दोनों टाइम प्रतिक्रमण जरूरी कर दिया ।
क्योंकि पहले वाले साधु गल्ति नहीं करते थे पर भगवान महावीर स्वामी को अपने साधु की गल्ति सुधारने के लिए प्रतिक्रमण का विधान किया ।
इसलिए जमाने के साथ बदलना सही होना चाहिए ।
फुहड़ कपड़े पहनना, सही कपड़ों को फाड़ देना, अर्धनग्न वस्त्र आदि परिवर्तन सही नहीं है ।
इसी तरह पति-पत्नी में भी ओछी तूं भाषा का प्रयोग सही नहीं है।
साधु तब ऊंचा होता है, जब संयम के साथ उसका व्यवहार और भाषा भी ऊंची हो ।
धर्म प्रभावना
12 जनवरी श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ के चेयरमैन श्री विमल कुमार जी साहब सेठिया गुवाहाटी से एवं नररत्न कर्मठ व्यक्तित्व श्री रवि जी कोचर दिल्ली से एवं अंबाला से नररत्न श्री राजकुमार जी आदि गुरु चरणों में पहुंचे ।
धर्म चर्चा का लाभ लिया ।
इसी तरह से न्यू किचलू नगर एस.एस. जैन सभा के अध्यक्ष श्री जितेंद्र जी जैन अपने पदाधिकारियों के साथ पहुंचे और न्यू किचलू नगर पधारने की विनंती की ।
श्री अरिहंतमार्गी जैन महासंघ सदा जयवंत हों